मंगलवार, 9 नवंबर 2010
रविवार, 7 नवंबर 2010
मजदूर हक सत्याग्रह आज ३७ वें दिन भी जरी रहा
मजदूर हक सत्याग्रह के आज ३७ वें दिन सरकारी योजनाओं पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें राजस्थान व भारत सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दी गई:
बड़े ही जोश के साथ निम्नलिखित नारे लगाये :
'हमारा पैसा
हमारा हिसाब '
पैसा हमारे आपका , नही किसीके बाप का
भ्रष्टाचार हाय हाय हाय हाय !!!!!!!!!
चोरी बाड़ो हाय हाय हाय हाय !!!!!!!
लड़ेंगे जीतेंगे आदि
बड़े ही जोश के साथ निम्नलिखित नारे लगाये :
'हमारा पैसा
हमारा हिसाब '
पैसा हमारे आपका , नही किसीके बाप का
भ्रष्टाचार हाय हाय हाय हाय !!!!!!!!!
चोरी बाड़ो हाय हाय हाय हाय !!!!!!!
लड़ेंगे जीतेंगे आदि
शनिवार, 6 नवंबर 2010
ज्यों द्रेज़ ने मनाई मजदूर हक सत्याग्रहियों के साथ दीवाली
मजदूर सत्याग्रह के आज ३७ वें दिन प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एवं रास्ट्रीय सलाहकार परिसद के सदस्य ज्यों द्रेज़ पहुंचे और सत्याग्रहियों को संबोधित करते हुये कहा कि महात्मा गाँधी ग्रामीण रोज़गार योजना आई. सी. यूं. में पहुँच चुकी है साथ ही कहा कि मजदूरों कि न्यूनतम मजदूरी बढनी चाहिए और मजदूरों के प्रति अपना समर्थन प्रकट किया !
साथ ही उन्होंने कहा की भारत सरकार हर साल उद्योगपतियों को पांच लाख करोड़ के करों में छूट देती है जबकि भारत सरकार का सालाना बजट दस लाख करोड़ है तो इससे सिद्ध होता है कि सरकार के पास गरीबों के लिए कुछ नहीं है और अमीरों को बहुत बड़ी राशि की सब्सिडी दे रही है
गुरुवार, 4 नवंबर 2010
Rajasthan mein Mazdooron ki kali Diwali
आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं लेकिन मजदूर हक सत्याग्रह statue सर्कल जयपुर में धरने पर बैठे मजदूर ने काली दिवाली मना रहे हैं क्योंकि राजस्थान सरकार उनकी मांगों को नहीं मान रही है अतः सभी लोंगों से मेरा अनुरोध है कि राजस्थान सरकार और भारत सरकार को उनकी मांग के समर्थन में एक मेसेज जरूर करे
आज मजदूरों ने STATUE सर्कल काली दिवाली मनाने की घोषणा की साथ ही डा. सी. पी. जोशी के झूंठ बोलने पर एक गीत भी गाया गया जो इस प्रकार है:
झूंठ बोले सी. पी. जोशी
ऐसे मंत्री से बचियो
हम मजदूरी बढबाकर ही जायेंगे तुम देखते रहियो
हम मजदूरी को महंगाई से जुडबाकर जायेंगे तुम देखते रहियो
सी. पी. जोशी झूंठ..............................
ब आप अपनी खुशी के बारे में सोचते हैं, दूसरों को खुशियांदेने के विषय में भी सोचें| इसका अर्थ यह नहीं है किआप् संसार के लिए सब कुछ छोड दें| यह असंभव है|लेकिन तुम्हें दूसरों के लिए सोचना अवश्य चाहिए|
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