मजदूर हक सत्याग्रह के ३९ वें दिन आज अरुणा रॉय के नेत्रत्व में एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला जिसने मुख्यत: पांच चीजों पर जोर दिया :
१.सूचना के अधिकार की धरा ४ ब की क्रियान्विति सम्पूर्ण राज्य में हो
२. बारां जिले में स्थित बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराकर कानूनी सहायता दी जाय
३.राजस्थान में नरेगा श्रमिकों की यूनियन पंजीकृत की जाय
४. न्यूनतम मजदूरी को उपभोक्ता मूल्य शूचकांक से जोड़ा जाय
५. जिन ग्राम पंचायतों में विशेष जांच हुई उनमे बसूली सुनिश्चित करवाना
मुख्यमंत्री द्वारा उपरोक्त पांचो बिन्दुओ पर दिया गया जबाव:
१. मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समिति का गठन करेंगे जो सूचना के अधिकार की धारा ४ ब की क्रियान्विति सुनिश्चित करेगी
२.बंधुआ मजदूरों से संबधित मामले में तुरंत कार्यवाही करते हुए एक महानिरीक्षक को कहा कि तुरंत कलक्टर से कानूनी बात करें और यदि मजदूर हाली है तो भो वह बंधुआ मजदूर की श्रेणी में आता है उसको तुरंत वह समस्त लाभ मिलना चाहिए जो एक बंधुआ मजदूर को कानूनी रूप से मिलते हैं तथा हाली रखने वालों के खिलाफ तुरंत कार्यवाही की जाये
३. नरेगा मजदूर युनियन के बारे उन्होंने कहा कि मामला मेरे प्रकाश में है और इसका जल्द ही कुछ समाधान ढूंढ लिया जायेगा
४.उपभोक्ता मूल्य शूचकांक के साथ न्यूनतम मजदूरी को जोड़ने के बारे उनका कहना था कि मैं तो इसका शुरू से पक्षधर रहा हूँ जल्द ही इसके लिए एक समिति का गठन करेंगे जो इसके बारे में सुझाव देगी जिससे महगाई के साथ- साथ ही न्यूनतम मजदूरी भी स्वत: ही बढ़ जाया करे
५. जिन ग्राम पंचायतों में बसूली होनी है उनको में दिखवाता हूँ और जल्द ही इस पर कार्यवाही करेंगे
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