दिनांक १२.११.२०१० को दिल्ली में एक दिवसीय जनसुनवाई का आयोजन पीपल्स एक्शन फॉर एम्प्लोयामेंट गारंटी (पेग ) तरफ से किया गया जिसमे भारत भर के विभिन्न राज्यों जिनमें राजस्थान, पंजाब, हरियाणा,गुजरात,उड़ीसा, केरला, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, आँध्रप्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, महारास्त्र, जम्मू एंड कश्मीर, बिहार,झारखण्ड एवं छत्तीसगढ़ से बहुत सारे लोग आये:
जनसुनवाई में प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय,निखिल डे, एन्नी राजा, ललित माथुर, उषा रामनाथन,अमरजीत कौर, ज्यों द्रेज़, प्रमिला रूपा,भारत डोगरा, कमल मित्र चिनॉय, हर्ष मंदर, कामरेड राजा आदि ब्यक्ति मोजूद थे|
जनसुनवाई में प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय,निखिल डे, एन्नी राजा, ललित माथुर, उषा रामनाथन,अमरजीत कौर, ज्यों द्रेज़, प्रमिला रूपा,भारत डोगरा, कमल मित्र चिनॉय, हर्ष मंदर, कामरेड राजा आदि ब्यक्ति मोजूद थे|
जनसुनवाई दो सत्रों में आयोजित हुई जिसमें प्रमुख रूप से निम्न मुद्दों पर बात की गई :
जनसुनवाई की सुरुआत हल चलाकर खेतों को मैनें ही सजाया रे…….. गीत के साथ एम.के.एस.एस. के सदस्यों ने की|
१ राजस्थान के बारां जिले में स्थित बंधुआ मजदूरों सहित पूरे देश में बंधुआ मजदूरी पर रोक पर लगाईं जाय साथ उन मजदूरों को रोज़गार दिया जाय|
२.नरेगा में न्यूनतम मजदूरी से कम का भुगतान करने पर भी बंधुआ मजदूर माना जाय और वह समस्त प्रावधान लागू हों जो एक बंधुआ मजदूर सिद्ध होने पर होते हैं वैसे ही सरकार के ऊपर भी केस चलाया जाय|
३. न्यारी नपती न्यारी रेट की यदि व्यबस्था लागू करने में असफल रहे तो मजदूर को पूरा भुगतान करे सरकार जिससे गरीब के साथ धोखा न हो|
४.राजस्तःन के टोंक जिले की रूपवास पंचायत के गुदलिया गाँव में १ रूपया मजदूरी दी गई जो कि पूरी तरह असंवैधानिक है और ऐसे भ्रष्टाचार करने प्रशासनिक अधिकारीयों और कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही हो और मजदूरों को उनकी म्हणत का पूरा पैसा दिया जाय|
५. राजस्थान में पांच जिलों के जला कलेक्टरों द्वारा किये भ्रष्टाचार पर कड़ी आपत्ति जताई और इस प्रकार का भ्रष्टाचार यदि देश के किसी भी कोने में होता है तो कड़ी कार्यवाही कराने की मांग की गई साथ ही उन पांच कलेक्टरों पर तुरंत कार्यवाही की मांग की गई|
जनसुनवाई की सुरुआत हल चलाकर खेतों को मैनें ही सजाया रे…….. गीत के साथ एम.के.एस.एस. के सदस्यों ने की|
१ राजस्थान के बारां जिले में स्थित बंधुआ मजदूरों सहित पूरे देश में बंधुआ मजदूरी पर रोक पर लगाईं जाय साथ उन मजदूरों को रोज़गार दिया जाय|
२.नरेगा में न्यूनतम मजदूरी से कम का भुगतान करने पर भी बंधुआ मजदूर माना जाय और वह समस्त प्रावधान लागू हों जो एक बंधुआ मजदूर सिद्ध होने पर होते हैं वैसे ही सरकार के ऊपर भी केस चलाया जाय|
३. न्यारी नपती न्यारी रेट की यदि व्यबस्था लागू करने में असफल रहे तो मजदूर को पूरा भुगतान करे सरकार जिससे गरीब के साथ धोखा न हो|
४.राजस्तःन के टोंक जिले की रूपवास पंचायत के गुदलिया गाँव में १ रूपया मजदूरी दी गई जो कि पूरी तरह असंवैधानिक है और ऐसे भ्रष्टाचार करने प्रशासनिक अधिकारीयों और कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही हो और मजदूरों को उनकी म्हणत का पूरा पैसा दिया जाय|
५. राजस्थान में पांच जिलों के जला कलेक्टरों द्वारा किये भ्रष्टाचार पर कड़ी आपत्ति जताई और इस प्रकार का भ्रष्टाचार यदि देश के किसी भी कोने में होता है तो कड़ी कार्यवाही कराने की मांग की गई साथ ही उन पांच कलेक्टरों पर तुरंत कार्यवाही की मांग की गई|
राजस्थान के टोंक जिले में एक रूपया प्रतिदिन मजदूरी
विभिन्न राज्यों से आये व्यक्तियों ने अपने-अपने अनुभव सुनाये जो इस प्रकार हैं :
सर्वप्रथम गुदलिया के लोगों ने अपनी एक रुपये वाली कहानी बताई कि कनिष्ठ अभियंता ने रिश्वत के पैसे मांगे और नहीं देने पर एक रूपया प्रतिदिन की दर से मजदूरी अंकित कर दी और कलेक्टर अभी भी हमें धमका रहा है
विभिन्न राज्यों से आये व्यक्तियों ने अपने-अपने अनुभव सुनाये जो इस प्रकार हैं :
सर्वप्रथम गुदलिया के लोगों ने अपनी एक रुपये वाली कहानी बताई कि कनिष्ठ अभियंता ने रिश्वत के पैसे मांगे और नहीं देने पर एक रूपया प्रतिदिन की दर से मजदूरी अंकित कर दी और कलेक्टर अभी भी हमें धमका रहा है
राजस्थान के बारां जिले में अभी भी १७ परिवार बंधुआ:
बारां जिले ओमप्रकाश ने बताया कि वह विगत पांच वर्षों से एक व्यक्ति यहाँ काम कर रहा है और उसने केवल चार हजार रुपये लिए थे जिनके लिए वह अभी भी काम कर रहा है और वीमार होने पर उसे मारा पीटा गया और इसी प्रकार के १७ परिवार उसी के गाँव में हाली का जीवन जीने को मज़बूर है क्योंकि वहां पर रोज़गार गारंटी में जॉब कार्ड्स नहीं बने हैं
बारां जिले ओमप्रकाश ने बताया कि वह विगत पांच वर्षों से एक व्यक्ति यहाँ काम कर रहा है और उसने केवल चार हजार रुपये लिए थे जिनके लिए वह अभी भी काम कर रहा है और वीमार होने पर उसे मारा पीटा गया और इसी प्रकार के १७ परिवार उसी के गाँव में हाली का जीवन जीने को मज़बूर है क्योंकि वहां पर रोज़गार गारंटी में जॉब कार्ड्स नहीं बने हैं
छत्तीसगढ़ में नहीं होता मजदूरों को महोनों भुगतान:
छत्तीसगढ़ के गंगाराम पेगरा ने बताया कि वहां पर जॉब कार्ड बनाने में तो कोई समस्या नहीं है लेकिन मजदूरों को भुगतान ३-४ महीने देरी से हो रहा है और कहने पर कलेक्टर कहता है कि मुख्यमंत्री ट्रांसफर करने की बात कहते है जो चल रहा है उसे ही चलने दो इसलिए लोग नरेगा में कम करने में रूचि नहीं ले रहे हैं|
हरियाणा में नहीं मिलती रसीद और भुगतान ३ महीने की देरी से होता है:हरियाणा से आई राधा कस्वां ने बताया कि प्रपत्र ६ भरने पर पंचायत द्वारा रसीद नहीं दी जाती है और भुगतान भी ३ से ४ महीने की देरी से किया जा रहा है
छत्तीसगढ़ के गंगाराम पेगरा ने बताया कि वहां पर जॉब कार्ड बनाने में तो कोई समस्या नहीं है लेकिन मजदूरों को भुगतान ३-४ महीने देरी से हो रहा है और कहने पर कलेक्टर कहता है कि मुख्यमंत्री ट्रांसफर करने की बात कहते है जो चल रहा है उसे ही चलने दो इसलिए लोग नरेगा में कम करने में रूचि नहीं ले रहे हैं|
हरियाणा में नहीं मिलती रसीद और भुगतान ३ महीने की देरी से होता है:हरियाणा से आई राधा कस्वां ने बताया कि प्रपत्र ६ भरने पर पंचायत द्वारा रसीद नहीं दी जाती है और भुगतान भी ३ से ४ महीने की देरी से किया जा रहा है
उत्तरप्रदेश के सीतापुर जिले के लोगों लिया बेरोजगारी भत्ता: उत्तरप्रदेश के सीतापुर जिले से आई सुरवाला ने बताया कि हमने २ वर्ष पहले बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन किया तो सरकार ने कुछ नहीं जब अधिक दबाव सरकार के ऊपर आया तो एक कमेठी का गठन किया जो जिसमें दो सदस्य मजदूर संगठनों से भी लिए गए और अंत में सरकार ने कहा कि आप लोग मौखिक रूप से बेरोजगारी भत्ता लेने का दबाव बनाया परन्तु जब मजदूरों ने मना कर दिया तो अन्तत: सरकार ने हारकर 14,99,345 रुपये का बेरोजगारी भत्ता दिया लेकिन जब से बेरोजगारी भत्ता लिया है तब से आवेदन की रसीद लेना दांतों टेल चना चबाना जैसा हो गया है, समूह में ही जाने पर ही आवेदन का रसीद मिलती है |उत्तरप्रदेश के अन्य साथी अजय पटेल ने बताया कि बहुत बड़ी संख्या में जॉब कार्ड्स फर्जी हैं तथा रसीद मिलता नहीं है इसलिए काम मिलता नहीं है हमारे यहाँ पर महानरेगा की बहुत ख़राब स्तिथि है|
गुजरात में अभी तक नहीं बने जॉब कार्ड्स: गुजरात राज्य से आई नीता ने बताया कि जिन छ: जिलों में प्रथम चरण में शुरू हुआ था उनमें अभी तक जॉब कार्ड्स नहीं बने हैं तथा 27 से 30 सदस्यों के परिवारों के भी एकल जॉब कार्ड्स बना रखे हैं जो कि बहुत ही असंवैधानिक है और राज्य सरकार नरेगा को बर्बाद करने में लगा हुआ है|
गुजरात में अभी तक नहीं बने जॉब कार्ड्स: गुजरात राज्य से आई नीता ने बताया कि जिन छ: जिलों में प्रथम चरण में शुरू हुआ था उनमें अभी तक जॉब कार्ड्स नहीं बने हैं तथा 27 से 30 सदस्यों के परिवारों के भी एकल जॉब कार्ड्स बना रखे हैं जो कि बहुत ही असंवैधानिक है और राज्य सरकार नरेगा को बर्बाद करने में लगा हुआ है|
कर्नाटक में देते है सप्ताह के 200 रुपये: कर्नाटक से आई परवीना ने बताया नायल कि हमारे यहाँ पर पचायत के लोग किसी प्रकार का कोई काम नहीं कराया जाता है केवल हर सप्ताह 200 रुपये दिए जाते है जो कि मजदूरों के साथ अन्याय है|
पश्चिमी वंगाल में महिलायों को नहीं मिलता काम : पश्चिमी वंगाल से आई मंजू ने बताया कि राज्य में 9,13,800 जॉब कार्ड्स में से 46 प्रतिशत महिलायों को तो काम ही नहीं दिया जा रहा है जो कि असंवैधानिक है और महिलायों के साथ घोर अन्याय है|
जम्मू एवं कश्मीर में नहीं है किसी प्रकार की जबावदेही:जम्मू एवं कश्मीर से आई महिला प्रतिनिधि ने बताया कि हमारे यहाँ पर किसी प्रकार की कोई जबावदेही नहीं है|
आँध्रप्रदेश में एक गाँव के लोंगों के जॉब कार्ड्स एवं सामग्री खर्च की दीवार पेंटिंग दूसरे गाँव में की गई है:आँध्रप्रदेश से आई अरुणा बांचा ने बताया कि भुगतान समय पर हो रहा है लेकिन भ्रष्टाचार बहुत है साथ ही बताया कि पारदर्शिता के लिए जो दीवार पर जॉब कार्ड्स एवं सामग्री खरीद की सूचना की पेंटिंग संबधित गाँव में ना करके और किसी दूसरे गाँव में की गई है जिससे गाँव के लोंगों को सच्चाई का पता नहीं चल सके अत: इस प्रकार के लेखन का कोई मतलब नहीं है
उडीसा मेंमिलती है बहुत कम मजदूरी:उडीसा से आई संध्या ने बताया कि हमारे यहाँ पर मजदूरी १२ रुपये से लेकर 50 रुपये तक ही दी जा रही है तथा भुगतान भी 2 से 3 महीने देरी से किया जा रहा है इसलिए हम लोग सभी आन्दोलन कर रहे हैं|
तमिलनाडु में 40 प्रतिशत महिलाएं करती हैं रोज़गार गारंटी में काम
पश्चिमी वंगाल में महिलायों को नहीं मिलता काम : पश्चिमी वंगाल से आई मंजू ने बताया कि राज्य में 9,13,800 जॉब कार्ड्स में से 46 प्रतिशत महिलायों को तो काम ही नहीं दिया जा रहा है जो कि असंवैधानिक है और महिलायों के साथ घोर अन्याय है|
जम्मू एवं कश्मीर में नहीं है किसी प्रकार की जबावदेही:जम्मू एवं कश्मीर से आई महिला प्रतिनिधि ने बताया कि हमारे यहाँ पर किसी प्रकार की कोई जबावदेही नहीं है|
आँध्रप्रदेश में एक गाँव के लोंगों के जॉब कार्ड्स एवं सामग्री खर्च की दीवार पेंटिंग दूसरे गाँव में की गई है:आँध्रप्रदेश से आई अरुणा बांचा ने बताया कि भुगतान समय पर हो रहा है लेकिन भ्रष्टाचार बहुत है साथ ही बताया कि पारदर्शिता के लिए जो दीवार पर जॉब कार्ड्स एवं सामग्री खरीद की सूचना की पेंटिंग संबधित गाँव में ना करके और किसी दूसरे गाँव में की गई है जिससे गाँव के लोंगों को सच्चाई का पता नहीं चल सके अत: इस प्रकार के लेखन का कोई मतलब नहीं है
उडीसा मेंमिलती है बहुत कम मजदूरी:उडीसा से आई संध्या ने बताया कि हमारे यहाँ पर मजदूरी १२ रुपये से लेकर 50 रुपये तक ही दी जा रही है तथा भुगतान भी 2 से 3 महीने देरी से किया जा रहा है इसलिए हम लोग सभी आन्दोलन कर रहे हैं|
तमिलनाडु में 40 प्रतिशत महिलाएं करती हैं रोज़गार गारंटी में काम
तमिलनाडु में 40 प्रतिशतजॉब कार्ड्स फर्जी हैं: तमिलनाडु से आई सुशीला ने बताया कि हमारे यहाँ पर 80 प्रतिशत महिलाएं ही रोज़गार गारंटी में काम करती हैं साथ ही बताया कि समस्त जॉब कार्ड्स में से 40 प्रतिश जॉब कार्ड्स फर्जी हैं ,कार्यस्थल पर किसी प्रकार की कोई सुविधाएँ नहीं हैं, मजदूरी का भुगतान भी कम किया जा रहा है और भुगतान अभी भी नकद दिया जा रहा है बैंक से देने की कोई व्यवस्था नहीं की जा रहा है जिससे चोरियां बढ़ रही हैं|
शेष अगले अंक में………………..
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